हाइपोथायरायड और बांझपन

हाइपोथायरायड और बांझपन
प्रैग्नेंसी में एक महिला को गर्भावस्था से पहले और उसके दौरान बहुत सारे टेस्ट करवाने पड़ते है, जिनमें से थायराइड भी एक है । यह टेस्ट इसलिए भी ज़रूरी है क्योंकि अगर थायराइड का लेवल कंट्रोल में नहीं रहेगा तो माँ और बच्चे दोनों की सेहत पर बुरा असर हो सकता है। यहाँ तक कि गर्भ में पल रहे बच्चे को भी थायरॉयड होने का खतरा होता है। इस समस्या के लिए लखनऊ में अच्छी डॉक्टर उपलब्ध हैं ।थायराइड क्या है ?
यह एक ग्रंथि होती है। मनुष्य के शरीर में कईं ग्रंथियां होती हैं, जहां हॉर्मोन बनते हैं शरीर को एक विशेष कार्य करने में मदद करते हैं। थायराइड हार्मोन बनाता है जो आपके शरीर के कई महत्वपूर्ण कार्यों को नियंत्रित करने में मदद करता है। जब थायराइड ठीक से काम करने में सक्षम नहीं होता है तो यह पूरे शरीर पर असर डालता है। यह आयोडीन की कमी की वजह से होता है, इसलिए अपने खाने में आयोडीन नमक इस्तेमाल करें, जिससे थायराइड जैसी समस्याएं नहीं होंगी ।हायपर थाइराइड का गर्भावस्था से संबंध
यह एक अंडरएक्टिव थायरॉयड ग्रंथि की वजह से पैदा होने वाली स्तिथि है । यह गर्भावस्था के दौरान हो सकती है। उदाहरण के लिए थकान, वजन बढ़ना और पीरियड्स में बदलाव का कारण बन सकते हैं । थायराइड हॉर्मोन का स्तर कम होने से भी गर्भवती होने में समस्या हो सकती है । यह गर्भपात का कारण भी हो सकता है।थायराइड एक आम बीमारी है, इसलिए हम जितनी जल्दी हो सके सभी गर्भवती महिलाओं के थायराइड हॉर्मोन की जांच करते हैं । इसके अलावा अगर आप गर्भवती हैं और आपके हाइपोथायरायडिज्म का इलाज नहीं किया जाता है, तो आपका बच्चा समय से पहले ही पैदा हो सकता है । अगर गर्भावस्था के दौरान थायराइड का इलाज नहीं किया जाता है, तो यह बच्चे के संज्ञानात्मक विकास को बाधित कर सकता है। यह बात बहुत ज़रूरी है कि महिलाएं अपने थायरॉयड हॉर्मोन पर निगरानी रखें और उचित उपचार प्राप्त करें यदि वे बच्चा चाहती हैं या पहले से ही गर्भवती हैं।
हायपरथाइराइड गर्भावस्था पर कैसे असर डालता है ?
पैदा होने से पहले ही एक बच्चा पूरी तरह से थायरॉयड हॉर्मोन के लिए माँ पर निर्भर है । जब तक बच्चे की अपनी थायरॉयड ग्रंथि कार्य करना शुरू नहीं करती। यह आमतौर पर गर्भावस्था के पहले तिमाही के अंत तक नहीं होता है। इसके कारण प्रीटर्म डिलीवरी और जन्म के समय बच्चे का वजन कम हो सकता है ।क्या हैं प्रैग्नेंसी के दौरान हायपरथाइराइड के लक्षण ?
इलाज क्या है ?
थायराइड हॉर्मोन रिप्लेसमेंट का इस्तेमाल माँ के इलाज के लिए किया जाता है । थायराइड हॉर्मोन की मात्रा माँ के थायराइड हॉर्मोन के स्तर और उसके लक्षणों पर आधारित है । गर्भावस्था के दौरान थायराइड हॉर्मोन का स्तर बदल सकता है। गर्भावस्था के दौरान हॉर्मोन के स्तर को सामान्य करने के लिए दवाओं का सुझाव दिया जाता है। हालांकि, दवाओं से जुड़ी सावधानियों को लेना और एक ही समय में कॉमन हॉर्मोन का लेवल बनाए रखना ज़रूरी है। गर्भावस्था के दौरान थायरॉयड दवाओं के ओवरडोज के साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं। अपने चिकित्सक की सलाह को अनदेखा न करें ।क्या करें और कैसे बचें ?
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